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परिजन की मृत्यु के बाद घर के पुरुष सदस्य क्यों मुंडवाते हैं सिर? इसके पीछे का कारण हर सनातनी को होना चाहिए पता

जब किसी परिजन की मृत्यु हो जाती है तो घर के पुरुष सदस्यों का सिर मुंडवाना अनिवार्य होता है. क्योंकि मृत्यु के बाद घर में पातक लग जाता है जिसे अशुद्धि अवधि का प्रतीक माना जाता है.

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23 Aug 2025
( Updated: 10 Dec 2025
04:22 AM )
परिजन की मृत्यु के बाद घर के पुरुष सदस्य क्यों मुंडवाते हैं सिर? इसके पीछे का कारण हर सनातनी को होना चाहिए पता
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अक्सर आपने देखा होगा कि जब भी किसी करीबी व्यक्ति की मृत्यु होती है तो सर मुंडवाया जाता है. ये एक ऐसा नियम है जो हर सनातनी को मानना ही चाहिए क्योंकि ये न सिर्फ एक नियम और आस्था के रूप में देखा जाता है बल्कि ये सालों से चली आ रही परंपरा का हिस्सा भी है, लेकिन कई लोग इस परंपरा के बारे में जानते हैं पर इसके पीछे का कारण नहीं जानते और न ही ये जानते हैं कि अगर ऐसा नहीं किया गया तो क्या हो सकता है…

परिजन की मृत्यु के बाद घर के पुरुष सदस्यों का सिर मुंडवाना क्यों आवश्यक है?
जब भी किसी परिजन की मृत्यु हो जाती है तो घर के पुरुषों का सिर मुंडवाना अनिवार्य होता है. क्योंकि मृत्यु के बाद घर में पातक लग जाता है जिसे अशुद्धि अवधि का प्रतीक माना जाता है. इस दौरान अगर परिवार के पुरुष अपना सर मुंडवाते हैं तो इससे मृतक के साथ भौतिक संबंध टूट जाते हैं और उसकी आत्मा को शांति भी मिलती है, इसके अलावा भी पातक काल की अशुद्धि खत्म होती है.

क्या बाल होते हैं नकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक?
मान्यता है कि मृतक के प्रति इस प्रक्रिया के द्वारा सम्मान जताया जाता है और बालों को अहंकार का प्रतीक माना जाता है. इसके अलावा गरुड़ पुराण में भी बताया गया है कि बालों को नकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है और मृतक की आत्मा बार-बार बालों के जरिए परिवारजनों से संपर्क साधने की कोशिश करती है.

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मृतक की आत्मा की शांति के लिए क्या किया जाए?

  • मृत्यु के तेरहवें या फिर ग्यारहवें दिन श्राद्ध जरूर करें, इससे मृतक की आत्मा को शांति मिलती है.
  • मृत्यु के बाद घर में शव के पास दीया जरूर जलाएं, ऐसा करने से मृतक की आत्मा को शांति मिलती है.
  • मृत्यु के 13 दिन बाद आप घर में हवन जरूर करवाएं, इससे नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव कम होता है और मृतक की आत्मा को शांति मिलती है.
  • इस हवन के दौरान हनुमान चालीसा और महामृत्युंजय मंत्र का जाप भी जरूर करें.
  • गरीबों में भोजन भी जरुर कराएं इससे आत्मा को संतुष्टि मिलती है.
  • अगर संभव हो सकें तो गाय का दान भी जरुर करें, इससे मृतक की आत्मा को उसके दूसरे जीवन के लिए आसानी होगी.

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