Advertisement

Diwali 2024: 31 अक्टूबर या 1 नवंबर जानें कब है दिवाली ? महत्व और शुभ मुहूर्त से लेकर जाने सब कुछ

Diwali 2024: दिवाली 2024 को लेकर लोगों में तारीख को लेकर संशय बना हुआ है। इस वर्ष दिवाली 31 अक्टूबर को मनाई जाएगी। इसी दिन लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 6:52 बजे से 8:41 बजे तक है। विभिन्न शहरों के लिए अलग-अलग पूजा मुहूर्त निर्धारित किए गए हैं।

26 Oct, 2024
( Updated: 27 Oct, 2024
04:07 PM )
Diwali 2024:  31 अक्टूबर या 1 नवंबर जानें कब है दिवाली ? महत्व और शुभ मुहूर्त से लेकर जाने सब कुछ
Diwali 2024: भारत में दिवाली का पर्व हर व्यक्ति के लिए विशेष महत्व रखता है, खासकर हिंदू धर्म को मानने वालों के लिए। इसे 'प्रकाश का पर्व' या 'दीपों का त्योहार' भी कहा जाता है। इस त्योहार पर हर घर दीपों की रोशनी से जगमगाता है, घरों की सफाई होती है, नई वस्त्र और पकवान बनाए जाते हैं, और सभी घर-परिवार के साथ सुख-समृद्धि का आदान-प्रदान करते हैं। लेकिन इस बार हर किसी के मन में एक सवाल है कि दिवाली 2024 में कब मनाई जाएगी: 31 अक्टूबर या 1 नवंबर?
दिवाली की तारीख को लेकर संशय
हर साल, पंचांग के आधार पर दिवाली की तारीख तय होती है। पंचांग के अनुसार, इस वर्ष अमावस्या तिथि का प्रारंभ 31 अक्टूबर को होगा। इसके अनुसार, लक्ष्मी पूजा का समय भी इसी दिन निर्धारित किया गया है। वहीं, कुछ लोग 1 नवंबर को भी दिवाली मनाएंगे क्योंकि वे मानते हैं कि त्योहार के दिन की शुरुआत सूर्यास्त से होती है।

लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त

हर वर्ष दिवाली की रात माँ लक्ष्मी का स्वागत करने के लिए शुभ मुहूर्त पर पूजा की जाती है। 2024 में, लक्ष्मी पूजा का शुभ समय शाम 6:52 बजे से रात 8:41 बजे तक है। यह समय विशेष रूप से अनुकूल है क्योंकि यह प्रदोष काल के दौरान आता है, जिसे लक्ष्मी पूजन के लिए सबसे उत्तम माना गया है। साथ ही, वृशभ काल का समय भी पूजा के लिए विशेष रूप से शुभ होता है।
लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त
भारत के विभिन्न शहरों में पूजा का समय अलग-अलग हो सकता है। 
जैसे नई दिल्ली में लक्ष्मी पूजन का मुहूर्त शाम 5:36 से 6:16 तक है।
मुंबई में यह समय शाम 6:57 बजे से 8:36 बजे तक रहेगा।
चेन्नई में पूजा का समय शाम 5:42 से 6:16 तक है।
कोलकाता में शाम 5:45 से 6:16 तक लक्ष्मी पूजा के लिए शुभ मुहूर्त है।
बेंगलुरु में यह समय शाम 6:47 से 8:21 बजे तक रहेगा।
इन मुहूर्तों का पालन करके भक्त माँ लक्ष्मी की कृपा प्राप्त कर सकते हैं और अपने घरों में सुख-समृद्धि का आह्वान कर सकते हैं।
दिवाली का धार्मिक महत्व
दिवाली का त्योहार हिंदू पौराणिक कथाओं में गहरे अर्थ को संजोए हुए है। इस दिन, भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण 14 वर्षों के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे। उनके आगमन पर अयोध्यावासियों ने दीपों से नगर को सजाया और हर्षोल्लास के साथ उनका स्वागत किया। तब से, यह पर्व बुराई पर अच्छाई की विजय, अंधकार पर प्रकाश की जीत और अज्ञान पर ज्ञान की प्राप्ति का प्रतीक बन गया है।

लक्ष्मी पूजन का भी दिवाली में विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन माँ लक्ष्मी पृथ्वी पर भ्रमण करती हैं और अपने भक्तों के घरों में प्रवेश करती हैं, जो उसे स्वागत के लिए सजा कर रखते हैं। इसके साथ ही, भगवान गणेश की भी पूजा की जाती है, जिन्हें 'विघ्नहर्ता' कहा जाता है। उनकी पूजा करने से जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं और समृद्धि का मार्ग खुलता है।

दिवाली 2024 में 31 अक्टूबर को लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त है, और अमावस्या तिथि भी इसी दिन समाप्त हो रही है। इसलिए, इस दिन दिवाली मनाना अधिक शुभ माना गया है। फिर भी, कुछ स्थानों पर 1 नवंबर को भी दिवाली मनाई जाएगी। यह त्योहार केवल एक धार्मिक पर्व नहीं बल्कि प्रकाश, प्रेम और समृद्धि का उत्सव है।

यह भी पढ़ें

Tags

Advertisement

टिप्पणियाँ 0

LIVE
Advertisement
Podcast video
अल फ़तह का चीफ़ है फारुख अब्दुला, दिल्ली धमाके से जुड़े तार
Advertisement
Advertisement
Close
ADVERTISEMENT
NewsNMF
NMF App
Download
शॉर्ट्स
वेब स्टोरीज़
होम वीडियो खोजें