Advertisement

Akshaya Tritiya 2025: 30 अप्रैल को है अक्षय तृतीया, क्या आप कर रहे हैं ये भूलें? हो सकता है भारी नुकसान!

अक्षय तृतीया 2025 का पर्व 30 अप्रैल को मनाया जाएगा, जो हिन्दू पंचांग में बेहद पवित्र माना जाता है। यह दिन नए कार्यों की शुरुआत, सोना-चांदी खरीदने और धार्मिक कार्यों के लिए बेहद शुभ होता है। लेकिन अगर इस दिन कुछ विशेष गलतियां हो जाएं, तो मां लक्ष्मी की कृपा की जगह दरिद्रता घर में प्रवेश कर सकती है।

Akshaya Tritiya 2025: 30 अप्रैल को है अक्षय तृतीया, क्या आप कर रहे हैं ये भूलें? हो सकता है भारी नुकसान!
जब बात भारतीय सनातन संस्कृति की होती है, तो कुछ पर्व ऐसे होते हैं जो सिर्फ त्योहार नहीं, बल्कि एक आस्था का प्रतीक होते हैं. अक्षय तृतीया उन्हीं पर्वों में से एक है. इसे 'आखा तीज' के नाम से भी जाना जाता है और इसे सनातन धर्म में अति शुभ और फलदायक दिन माना गया है. कहते हैं इस दिन जो भी शुभ कार्य किया जाए, उसका फल अक्षय यानी कभी खत्म न होने वाला होता है. लेकिन जैसे यह दिन पुण्यदायक है, वैसे ही इस दिन कुछ गलतियां करने पर मां लक्ष्मी रूठ भी सकती हैं.

इस वर्ष यानी 2025 में अक्षय तृतीया का पर्व 30 अप्रैल, बुधवार को मनाया जाएगा. यह दिन विशेष रूप से इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इस बार यह रोहिणी नक्षत्र के संयोग में पड़ रहा है. ऐसा दुर्लभ योग वर्षों में कभी-कभी ही आता है और इसे मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु का परम प्रिय दिन माना जाता है. लेकिन जितना यह दिन धन, समृद्धि और सौभाग्य लाने वाला है, उतना ही खतरनाक भी हो सकता है यदि आप कुछ खास बातों का ध्यान न रखें.

अक्षय तृतीया की पौराणिक मान्यता

पौराणिक कथाओं के अनुसार, अक्षय तृतीया के दिन ही त्रेतायुग की शुरुआत हुई थी. यही वह दिन था जब भगवान परशुराम का जन्म हुआ था और भगवान श्रीकृष्ण ने द्रौपदी को अक्षय पात्र का वरदान दिया था, जिससे कभी भोजन की कमी नहीं हुई. इसी दिन वेदव्यास और भगवान गणेश ने महाभारत का लेखन कार्य भी शुरू किया था. इन तमाम घटनाओं के कारण यह दिन 'अक्षय' यानी अनंत फल देने वाला माना गया है.

क्या होता है इस दिन का महत्व?

इस दिन लोग सोना, चांदी, जमीन-जायदाद, वाहन और नए वस्त्र खरीदते हैं. ऐसा माना जाता है कि जो भी चीज इस दिन खरीदी जाती है, उसमें वृद्धि होती है. व्यवसाय की शुरुआत, शादी-ब्याह, गृह प्रवेश, मुहूर्त के बिना ही शुभ माने जाते हैं. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि अगर हम इस दिन कुछ विशेष गलतियां करें तो इसका प्रभाव उल्टा भी हो सकता है?

अक्षय तृतीया पर क्या न करें?

1. गंदे बर्तन और प्लास्टिक का प्रयोग
इस दिन अगर आप प्लास्टिक, एल्यूमीनियम या स्टील के बर्तन खरीदते हैं, तो यह राहु दोष को बढ़ावा दे सकता है. ऐसा करने से मां लक्ष्मी के स्थान पर दरिद्रता घर में प्रवेश कर सकती है. इस दिन धातु का महत्व है, विशेषकर सोना और चांदी का. अगर खरीदना ही है तो तांबे, पीतल या चांदी की वस्तुएं लें.

2. पूजा स्थल या तिजोरी की सफाई में लापरवाही
पूजा का स्थान और तिजोरी वो जगह होती है जहां मां लक्ष्मी का वास माना जाता है. अगर इन स्थानों पर गंदगी रहती है तो मां लक्ष्मी नाराज़ हो जाती हैं. इसलिए इस दिन विशेष सफाई करें, धूप-दीप जलाएं और कम से कम 108 बार "श्री लक्ष्मी बीज मंत्र" का जाप अवश्य करें.

3. बुरी आदतों से रहें दूर
अक्षय तृतीया सिर्फ शारीरिक नहीं, मानसिक और आत्मिक शुद्धि का भी पर्व है. इस दिन जुआ, शराब, मांसाहार, झूठ बोलना या झगड़ा करना अशुभ माना जाता है. ये सारे कर्म मां लक्ष्मी को अप्रिय हैं और इनसे उनके आशीर्वाद से वंचित रह सकते हैं.

4. कर्ज या उधार न दें
इस दिन किसी को पैसे उधार देना या कर्ज देना मना होता है. कहा जाता है कि इससे धन की ऊर्जा बाहर चली जाती है और पूरा साल आर्थिक संकट का सामना करना पड़ सकता है. यदि मजबूरी हो, तो किसी को उधार देने से पहले मां लक्ष्मी का ध्यान जरूर करें और उसके बाद ही निर्णय लें.

5. लहसुन, प्याज और मांसाहार से परहेज
इस दिन का भोजन सात्विक और शुद्ध होना चाहिए. लहसुन, प्याज और मांसाहार खाने से मानसिक और आत्मिक ऊर्जा घटती है. इससे घर में नकारात्मकता का प्रवेश होता है, जो लक्ष्मी के आगमन में बाधा बनता है.

इस साल क्यों है अक्षय तृतीया खास?

2025 की अक्षय तृतीया सिर्फ सामान्य योग में नहीं बल्कि बुधवार और रोहिणी नक्षत्र में पड़ रही है. यह योग विशेष रूप से फलदायी माना गया है क्योंकि बुधवार बुद्धि और व्यापार का दिन होता है, जबकि रोहिणी नक्षत्र श्रीकृष्ण से जुड़ा है. ऐसे में इस दिन सोना-चांदी खरीदना, निवेश करना, शादी या सगाई करना और व्यापार की शुरुआत करना बहुत शुभ होगा.

क्या करें इस दिन विशेष लाभ के लिए?
इस दिन प्रातःकाल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें, मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु का पूजन करें. घर में श्रीसूक्त, कनकधारा स्तोत्र या विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें. किसी गरीब या ब्राह्मण को खाद्यान्न, वस्त्र या दक्षिणा दान करें. यह दिन 'दान' का भी पर्व है, जितना अधिक दान, उतनी अधिक वृद्धि.

अक्षय तृतीया का महत्व तभी पूरा होता है जब हम इस दिन की शुद्धता, भाव और नियमों को समझें और उसका पालन करें. थोड़ा सा ध्यान, थोड़ा सा संयम और गहरी आस्था हमारे जीवन को बदल सकती है. तो इस अक्षय तृतीया पर शुभ कार्य करें, लेकिन इन छोटी-छोटी गलतियों से बचकर रहें, ताकि लक्ष्मीजी का आशीर्वाद सदा आपके घर बना रहे. 

यह भी पढ़ें

टिप्पणियाँ 0

LIVE
Advertisement
Podcast video
अल फ़तह का चीफ़ है फारुख अब्दुला, दिल्ली धमाके से जुड़े तार
Advertisement
Advertisement
Close
ADVERTISEMENT
NewsNMF
NMF App
Download
शॉर्ट्स
वेब स्टोरीज़
होम वीडियो खोजें