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CBSE ने कड़े निर्देश जारी किए, छात्रों की मार्कशीट में गलती नहीं होगी बर्दाश्त

परीक्षा शुरू होने से पहले छात्रों को एडमिट कार्ड दिए जाते हैं, जिसमें छात्र, अभिभावक और स्कूल प्रिंसिपल तीनों को मिलकर जानकारी की जांच करनी होती है कि सब कुछ सही है या नहीं.

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03 Sep 2025
( Updated: 03 Sep 2025
02:59 PM )
CBSE ने कड़े निर्देश जारी किए, छात्रों की मार्कशीट में गलती नहीं होगी बर्दाश्त
Source: CBSE (File Photo)

CBI New Rules: सीबीएसई बोर्ड ने यह तय किया है कि कक्षा 10 और 12 की परीक्षाओं के बाद जो मार्कशीट और पासिंग सर्टिफिकेट मिलेगा, उसमें किसी भी तरह की गलती न हो. इसके लिए बोर्ड ने स्कूलों को साफ-साफ निर्देश दिए हैं कि हर छात्र की जानकारी जैसे नाम, जन्मतिथि और बाकी चीजें हर जगह सही-सही भरी जाएं और अच्छी तरह जांची जाएं.

छात्र की जानकारी हर जगह सही होनी चाहिए

सीबीएसई ने कहा है कि छात्र की जानकारी स्कूल के हर रिकॉर्ड में सही होनी चाहि. जैसे स्कूल के एडमिट कार्ड, छात्र रजिस्टर, प्रवेश-निकासी रजिस्टर और ट्रांसफर सर्टिफिकेट में भी पूरी जानकारी बिलकुल सही होनी चाहिए. खास बात यह है कि कक्षा 9 में जब छात्र का पंजीकरण होता है, तब से ही स्कूल और अभिभावक दोनों को मिलकर यह जानकारी जांचनी और सही साबित करनी होगी.

सुधार का मौका दिया जा रहा है

बोर्ड ने छात्रों की जानकारी सही करने के लिए कई बार मौके दिए हैं. सबसे पहले पंजीकरण के बाद, फिर एलओसी (List of Candidates) जमा करने से पहले स्कूलों को कहा गया है कि वे पंजीकरण कार्ड डाउनलोड करें और छात्रों को दें ताकि वे अपनी जानकारी चेक कर सकें. इसके बाद अभिभावकों से भी जानकारी की पुष्टि करवाई जाएगी. इसके अलावा, अगर एलओसी के बाद कोई गलती रह जाती है तो बोर्ड एक सुधार विंडो भी खोलता है, ताकि स्कूल और अभिभावक मिलकर गलतियों को ठीक कर सकें.

सुधार के लिए सही तरीके से आवेदन करें

सीबीएसई ने यह देखा है कि बहुत बार स्कूल गलत तरीके से सुधार के लिए आवेदन भेजते हैं. कई बार जरूरी दस्तावेज नहीं लगाते, अधूरे या गलत दस्तावेज भेज देते हैं या बोर्ड के सवालों का जवाब नहीं देते. इससे सुधार में बहुत देरी हो जाती है और छात्र परेशान होते हैं. इसलिए बोर्ड ने कहा है कि सुधार का काम सही तरीके से करें, पूरी जानकारी और दस्तावेज सही लगाएं ताकि जल्दी काम हो सके.

परीक्षा से पहले और बाद में जानकारी की दोबारा जांच

परीक्षा शुरू होने से पहले छात्रों को एडमिट कार्ड दिए जाते हैं, जिसमें छात्र, अभिभावक और स्कूल प्रिंसिपल तीनों को मिलकर जानकारी की जांच करनी होती है कि सब कुछ सही है या नहीं. परीक्षा के बाद जब परिणाम आते हैं और प्रमाणपत्र बनाए जाते हैं, तब भी तीनों की तरफ से जानकारी की दोबारा जांच होती है.
फिर भी कई बार स्कूल परीक्षा के परिणाम आने से पहले भी सुधार के लिए बोर्ड को आवेदन भेज देते हैं ताकि किसी भी तरह की गलती रह न जाए और छात्र परेशान न हों.

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