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चीन में कारोबार समेट रही एप्पल का भारत में शानदार प्रदर्शन, एक और तिमाही में दर्ज की रिकॉर्ड वृद्धि, टिम कुक ने कर दिया बड़ा ऐलान

एप्पल तेजी से उभरते बाजारों, खासकर भारत, में अपना आधार मजबूत कर रहा है. आईफोन की जबरदस्त मांग, स्थानीय निर्माण और नए स्टोर की योजना इस बात का संकेत है कि भारत अब एप्पल की वैश्विक रणनीति का एक अहम हिस्सा बन गया है.

चीन में कारोबार समेट रही एप्पल का भारत में शानदार प्रदर्शन, एक और तिमाही में दर्ज की रिकॉर्ड वृद्धि, टिम कुक ने कर दिया बड़ा ऐलान
Image Credit:Apple

Apple Store: एप्पल के सीईओ टिम कुक ने बताया कि जून तिमाही में कंपनी ने भारत समेत दो दर्जन से ज्यादा देशों और क्षेत्रों में राजस्व के नए रिकॉर्ड बनाए हैं. उन्होंने कहा, "हमने हर भौगोलिक क्षेत्र में आईफोन की वृद्धि देखी है."

आईफोन, मैक और सेवाएं बनीं ग्रोथ ड्राइव

1. आईफोन और मैक में दोहरे अंकों की वृद्धि हुई.
2. मैक की बिक्री में 15% सालाना बढ़ोतरी हुई.
3. सेवाओं से 13% की वृद्धि के साथ एक और सर्वकालिक राजस्व रिकॉर्ड बना.

भारत बना एप्पल की ग्रोथ का हॉटस्पॉट

भारत, मध्य पूर्व, दक्षिण एशिया और ब्राजील जैसे उभरते बाजारों में तेज वृद्धि देखी गई. काउंटरपॉइंट रिसर्च के अनुसार, भारत में आईफोन की बिक्री में 7% और राजस्व में 23% हिस्सेदारी रही है. वही भारत में सबसे ज्यादा बिकने वाला मॉडल रहा आईफोन 16.

भारत और UAE में नए स्टोर की तैयारी

हाल ही में सऊदी अरब में Apple Store Online लॉन्च हुआ.अब एप्पल भारत और यूएई में फिजिकल रिटेल स्टोर खोलने की तैयारी में है.

भारत बना आईफोन मैन्युफैक्चरिंग का केंद्र

अमेरिका में बिकने वाले अधिकांश आईफोन का "मूल देश" अब भारत है. भारतीय निर्माण इकाइयों का योगदान 71% तक पहुंच गया, जो पिछले साल 31% था.

चीन में बंद हो रहा है एप्पल स्टोर 

चीन की अर्थव्यवस्था इस समय कई चुनौतियों से गुजर रही है. वहां महंगाई लगातार गिर रही है और लोग पहले की तुलना में कम खर्च कर रहे हैं. इस कारण बाज़ार में मांग घटी है और इसका सीधा असर एप्पल जैसी बड़ी कंपनियों की बिक्री पर पड़ा है. दूसरी तिमाही में एप्पल की चीन में बिक्री 2.3% घटकर 16 अरब डॉलर रह गई, जबकि उम्मीद थी कि ये आंकड़ा 16.8 अरब डॉलर तक पहुंचेगा. उम्मीद से कम बिक्री और बाजार की सुस्त रफ्तार को देखते हुए एप्पल ने चीन में कुछ स्टोर्स बंद करने का फैसला लिया है.

टैरिफ से बढ़ी लागत, लेकिन प्रबंधन जारी

जून तिमाही में टैरिफ के कारण एप्पल को $800 मिलियन का खर्च हुआ. सितंबर तिमाही में यह बढ़कर $1.1 बिलियन तक पहुंच सकता है. कुक ने कहा कि ये अनुमान भविष्य की तिमाहियों पर लागू नहीं किए जा सकते.

एप्पल तेजी से उभरते बाजारों, खासकर भारत, में अपना आधार मजबूत कर रहा है. आईफोन की जबरदस्त मांग, स्थानीय निर्माण और नए स्टोर की योजना इस बात का संकेत है कि भारत अब एप्पल की वैश्विक रणनीति का एक अहम हिस्सा बन गया है.

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