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दुनिया का पहला ‘चलते-चलते चार्ज’ हाईवे, अब आपकी कार रुके बिना होगी चार्ज

इस टेक्नोलॉजी का सबसे बड़ा फायदा यह है कि अब गाड़ियों को चार्जिंग स्टेशन पर रुकने की जरूरत नहीं पड़ेगी. लंबी दूरी तय करने वाले ट्रक या कारें चलते-चलते ही चार्ज होती रहेंगी.

06 Nov, 2025
( Updated: 02 Dec, 2025
10:14 AM )
दुनिया का पहला ‘चलते-चलते चार्ज’ हाईवे, अब आपकी कार रुके बिना होगी चार्ज
Image Source: Social Media

Highway Charger: अब वो दिन आ गया है जब इलेक्ट्रिक कारों को चार्ज करने के लिए कहीं रुकने की जरूरत नहीं पड़ेगी. फ्रांस ने दुनिया का पहला ऐसा हाईवे बना लिया है, जहाँ गाड़ियाँ चलते हुए ही वायरलेस तरीके से चार्ज हो जाएंगी. इसका मतलब है कि सड़क खुद बिजली देने का काम करेगी. जिस तरह मोबाइल फोन को वायरलेस चार्जिंग पैड पर रखकर चार्ज किया जाता है, वैसे ही अब सड़क पर दौड़ती गाड़ियाँ अपने-आप चार्ज हो जाएँगी.

कहाँ शुरू हुआ ये अनोखा मोटरवे?

यह खास सड़क पेरिस से करीब 40 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में बनाई गई है. इसे A10 मोटरवे कहा जाता है. इस प्रोजेक्ट को कई संस्थाओं ने मिलकर बनाया है और इसका नाम रखा गया है "Charge As You Drive" यानी “चलते-चलते चार्ज करो”.
फिलहाल यह सड़क लगभग 1.5 किलोमीटर लंबी है और इसे टेस्ट के तौर पर शुरू किया गया है. इस सड़क के अंदर खास कॉइल्स (Coils) लगाए गए हैं जो बिजली ट्रांसफर करने का काम करते हैं.

कैसे काम करती है ये टेक्नोलॉजी?

सड़क के अंदर इलेक्ट्रोमैग्नेटिक कॉइल्स लगाए गए हैं. जब कोई इलेक्ट्रिक वाहन इन कॉइल्स के ऊपर से गुजरता है, तो सड़क के नीचे से एक मैग्नेटिक फील्ड बनता है. इस फील्ड की मदद से बिजली सड़क से निकलकर गाड़ी में लगे रिसीवर तक पहुँच जाती है. यह पूरा प्रोसेस रियल टाइम में होता है और इसे कंट्रोल करने के लिए सेंसर और सॉफ्टवेयर लगाए गए हैं, ताकि बिजली सही मात्रा में और सुरक्षित तरीके से गाड़ी तक पहुँचे.

कितनी पावर मिलती है गाड़ियों को?

टेस्टिंग के दौरान यह पाया गया कि यह सिस्टम 300 किलोवॉट से ज़्यादा की पीक पावर दे सकता है.औसतन यह लगभग 200 किलोवॉट की एनर्जी गाड़ियों में भेजने की क्षमता रखता है. यानी यह काफी तेज़ चार्जिंग है, बिल्कुल वैसे ही जैसे किसी सुपरफास्ट चार्जर से गाड़ी चार्ज की जाती है.

क्या होगा फायदा ?

इस टेक्नोलॉजी का सबसे बड़ा फायदा यह है कि अब गाड़ियों को चार्जिंग स्टेशन पर रुकने की जरूरत नहीं पड़ेगी. लंबी दूरी तय करने वाले ट्रक या कारें चलते-चलते ही चार्ज होती रहेंगी. इससे सफर ज्यादा आसान और समय बचाने वाला होगा.भविष्य में अगर यह तकनीक और जगहों पर अपनाई जाती है, तो इलेक्ट्रिक वाहनों की सबसे बड़ी दिक्कत, “बैटरी खत्म होने का डर”  भी खत्म हो जाएगी.

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