कनॉट प्लेस से मयूर विहार तक ट्रैक हुई कार... धमाके से पहले दिल्ली के अलग-अलग इलाकों की रेकी कर रहा था उमर
Delhi Car Blast: राजधानी दिल्ली में सोमवार शाम हुए कार ब्लास्ट की जांच अब एनआईए को सौंपी गई है. आतंकी उमर मोहम्मद की i-20 कार कनॉट प्लेस और मयूर विहार में ट्रैक हुई थी. जांच एजेंसियों को शक है कि विस्फोट में हाई ग्रेड मिलिट्री एक्सप्लोसिव का इस्तेमाल हुआ. सूत्रों के मुताबिक, इस मॉड्यूल का हैंडलर विदेश में बैठा था. गृह मंत्री अमित शाह और एनएसए अजीत डोभाल जांच की निगरानी कर रहे हैं.
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दिल्ली कार ब्लास्ट: देश की राजधानी दिल्ली में सोमवार की शाम हुए कार ब्लास्ट मामले ने पूरे देश को हिला दिया है. इस धमाके के बाद सुरक्षा एजेंसियां तुरंत हरकत में आ गईं और अब यह केस राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंप दिया गया है. गृह मंत्रालय ने इस हमले को बेहद गंभीर माना है और जांच के हर पहलू को सख्ती से खंगाला जा रहा है.
दिल्ली के दो लोकेशन पर दिखी थी कार
सूत्रों के मुताबिक, प्रारंभिक जांच में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं. बताया जा रहा है कि आतंकी उमर मोहम्मद की i-20 कार की मूवमेंट राजधानी के कई मुख्य इलाकों में ट्रैक की गई है. दोपहर करीब 2:30 बजे यह कार दिल्ली के कनॉट प्लेस इलाके में देखी गई थी. इसके बाद मयूर विहार में भी कार की लोकेशन ट्रेस हुई. यह संकेत देता है कि उमर मोहम्मद हमले से पहले कई जगहों की रेकी कर रहा था. जांच एजेंसियों का मानना है कि कनॉट प्लेस और मयूर विहार जैसे व्यस्त इलाकों में कार की आवाजाही किसी बड़ी साजिश का हिस्सा थी.
हाई ग्रेड मिलिट्री विस्फोटक का शक
जांच एजेंसियों को धमाके की तीव्रता और क्राइम सीन की शुरुआती जांच के आधार पर संदेह है कि इस विस्फोट में हाई ग्रेड मिलिट्री एक्सप्लोसिव का इस्तेमाल किया गया हो सकता है. इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि धमाके के पीछे कोई प्रशिक्षित आतंकी मॉड्यूल काम कर रहा था. सूत्रों का कहना है कि इस मॉड्यूल का मुख्य हैंडलर विदेश में बैठा हुआ था और वहीं से निर्देश दिए जा रहे थे. इससे साफ है कि इस पूरी साजिश के तार अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क से जुड़े हो सकते हैं.
NIA की बड़ी जिम्मेदारी
लाल किले के पास हुई इस कार ब्लास्ट की जांच एनआईए ने अपने हाथ में ले ली है. गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल लगातार स्थिति की निगरानी कर रहे हैं. एनआईए की शुरुआती जांच में यह भी सामने आया है कि इस साजिश के पीछे जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े आतंकियों का हाथ हो सकता है. अधिकारियों ने बताया कि पुलवामा के रहने वाले डॉक्टर उमर नबी, जो पहले भी फरीदाबाद से बरामद हुए विस्फोटक मामले में संदिग्ध रहा है, वही इस बार दिल्ली धमाके में इस्तेमाल हुई कार चला रहा था. कुछ दिन पहले पुलवामा में जैश-ए-मोहम्मद के समर्थन में लगाए गए पोस्टरों के बाद से ही एजेंसियां उमर नबी पर नजर रखे हुए थीं.
ऑपरेशन सिंदूर से जुड़ रहे हैं तार
खुफिया सूत्रों के मुताबिक, लाल किले ब्लास्ट की साजिश कहीं न कहीं “ऑपरेशन सिंदूर” से जुड़ी हो सकती है. ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ढांचों पर भारत की कार्रवाई ने आतंकी संगठनों को झकझोर दिया था. अब शक जताया जा रहा है कि यह हमला उसी के जवाब में रचा गया हो सकता है.
सुरक्षा एजेंसियों की चौकसी बढ़ी
एनआईए के साथ दिल्ली पुलिस, इंटेलिजेंस ब्यूरो और अन्य सुरक्षा एजेंसियां भी इस जांच में सक्रिय हैं. राजधानी के कई इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है. हर संदिग्ध मूवमेंट पर नजर रखी जा रही है. अधिकारी यह सुनिश्चित करने में जुटे हैं कि इस हमले के पीछे काम कर रहे किसी भी नेटवर्क को जल्द से जल्द पकड़ लिया जाए.
बहरहाल देश की नजर इस बात पर टिकी है कि एनआईए की जांच किस दिशा में आगे बढ़ती है. लेकिन इतना तय है कि दिल्ली ब्लास्ट ने एक बार फिर सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट मोड पर ला दिया है और भारत की राजधानी में आतंकी साजिशों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की तैयारी चल रही है.
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