सीमांचल में अमित शाह का महागठबंधन पर जोरदार हमला, कहा- वोट ऐसा करो कि 'जंगलराज' दूरबीन से भी न दिखे
Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के बाद सियासी दलों की नजरें दूसरे चरण पर हैं. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कटिहार, कोढ़ा और पूर्णिया में रैलियों में महागठबंधन पर हमला बोलते हुए कहा कि सीमांचल को घुसपैठियों का अड्डा बनाने की कोशिश हो रही है. उन्होंने मतदाताओं से अपील की कि दूसरे चरण में ऐसे दलों को वोट न दें और एनडीए के पक्ष में मतदान करें.
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बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के बाद अब सत्ता पक्ष से लेकर विपक्ष की सभी पार्टियों की निगाहें दूसरे चरण के मतदान पर टिक गई हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और विपक्ष के राहुल गांधी तक पूरी ताकत के साथ अपनी-अपनी पार्टियों के पक्ष में चुनावी माहौल तैयार करने में जुटे हैं. इसी कड़ी में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कटिहार, कोढ़ा और पूर्णिया में जनसभाओं को संबोधित करते हुए विपक्षी महागठबंधन पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि पहले चरण के चुनाव में ही बिहार में एनडीए सरकार बनाने के लिए मतदाताओं ने नींव डालने का काम कर दिया है.
कोढ़ा रैली में अमित शाह का महागठबंधन पर हमला
कोढ़ा में रैली के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि बिहार की जनता का उत्साह बताता है कि लालू यादव और राहुल गांधी की पार्टी का सूपड़ा साफ होने वाला है. उन्होंने जनता से आग्रह करते हुए कहा कि दूसरे चरण में सीमांचल वालों को इस तरह से मतदान करना है कि आरजेडी और 'जंगलराज' वाले दूर-दूर तक दूरबीन से भी दिखाई न पड़ें. घुसपैठ का मुद्दा उठाते हुए केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, 'लालू यादव और राहुल गांधी के लिए ये घुसपैठिए वोटबैंक हैं. इसलिए ये लोग उन्हें बचाने के लिए 'घुसपैठिया बचाओ' यात्रा निकालते हैं. लेकिन हम उनके वोटबैंक से नहीं डरते हैं, इसलिए उन्हें चुन-चुनकर निकालने का काम बीजेपी करेगी.' उन्होंने कहा कि ये राजनीतिक दल सीमांचल को 'घुसपैठियों का अड्डा; बनाने पर तुले हुए हैं.
सीमांचल में वोटिंग को लेकर मतदाताओं से अपील
शाह ने पूर्णिया में जनसभा को संबोधित करते हुए दावा किया कि एनडीए 243 सदस्यीय विधानसभा में 160 से अधिक सीटें जीतकर सरकार बनाएगा. उन्होंने पहले चरण के मतदान का हवाला देते हुए कहा कि जनता पहले ही अपने इरादे जता चुकी है और विरोधी गठबंधन को बाहर का रास्ता दिखा चुकी है. इस आश्वासन से स्थानीय कार्यकर्ता और समर्थक उत्साहित दिखे. पूर्वी सीमाओं और सुरक्षा के मुद्दे पर भी शाह ने कड़ा रुख अपनाया. उन्होंने कहा कि अगर किसी ने देश पर हमला किया तो जवाब कड़ा और निर्णायक होगा और लोकसभा सरकार की नीतियों के तहत सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी. उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि 'गोली का जवाब गोले से' दिया जाएगा और बिहार में प्रस्तावित रक्षा गलियारे का जिक्र कर के यह भरोसा दिलाया कि प्रदेश भविष्य में रक्षा निर्माण में भी अहम भूमिका निभाएगा.
लालू यादव की सरकार पर घोटालों का आरोप
लालू यादव की सरकार में हुए घोटाले के मुद्दों पर भी अमित शाह ने राजद को घेरा. उन्होंने कहा, 'लालू यादव ने चारा घोटाला किया है. इन लोगों ने लैंड फॉर जॉब स्कैम, होटल बेचने का घोटाला, अलकतरा घोटाला, बाढ़ राहत घोटाला, भर्ती घोटाला और एबी एक्सपोर्ट का घोटाला समेत नरसंहार करने और जंगलराज लाने का काम किया. बिहार में 'डिफेंस कॉरिडोर' के एनडीए के वादे को दोहराते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, 'मोदी जी राम मंदिर बनवाने का काम करते हैं, सीता माता मंदिर बनवाने का काम करते हैं, आतंकियों के घर में घुसकर मारने का काम करते हैं और कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग बनाने का काम करते हैं. अब मोदी जी ने तय किया है कि बिहार में डिफेंस कॉरिडोर बनाएंगे.'
विकास योजनाओं का जिक्र
उन्होंने एनडीए सरकार के काम गिनाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जोड़ी ने सीमांचल और कटिहार के लिए ढेर सारे काम किए हैं. पटना-पूर्णिया ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे को विस्तारित करके कटिहार तक लाने वाले हैं. नारायणपुर से पूर्णिया तक 49 किमी लंबी सड़कें बनेंगी. उन्होंने यह भी बताया कि दो हजार करोड़ से मनिहारी और साहेबगंज को जोड़ने वाला गंगा का पुल बन रहा है. इस तरह विकास के ढेर सारे काम यहां हो रहे हैं.
बताते चलें कि अमित शाह की ये रैलियाँ दो मकसद साफ कर रही हैं. पहला, सीमांचल के मतदाताओं के बीच घुसपैठ और सुरक्षा को प्रमुख एजेण्डा बनाकर जनसमर्थन जुटाना. दूसरा, एनडीए के लिए भुनाने योग्य जनादेश का भरोसा जताना ताकि दूसरे चरण में भी स्पष्ट बढ़त बनी रहे. वोटरों के लिए अब निर्णायक मौका है कि वे किस एजेंडा को वोट से बढ़ावा देंगे. अंत में, शाह की आवाज़ ने रैली में साफ संदेश छोड़ा कि सुरक्षा और पहचान के मुद्दे पूरे चुनाव में गरम रहने वाले हैं और ये मुद्दे बिहार के आने वाले विकास पर असर डाल सकते हैं.
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