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पंजाब सरकार का ऐतिहासिक कदम : 3117 गांवों में बनेंगे आदर्श खेल मैदान, 966 करोड़ रुपये की लागत

पंजाब सरकार ने ग्रामीण खेल विकास को बढ़ावा देते हुए 3117 गांवों में आदर्श खेल मैदान बनाने की ऐतिहासिक योजना शुरू की है. इस परियोजना पर 966 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे, जिससे युवाओं को बेहतर खेल सुविधाएं और अपना टैलेंट निखारने का बड़ा मौका मिलेगा.

पंजाब सरकार ने राज्य के ग्रामीण इलाकों में खेल सुविधाओं को मजबूत करने के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना की घोषणा की है. इसके तहत 23 जिलों के विभिन्न गांवों में कुल 3,117 आदर्श खेल के मैदान (मॉडल प्लेग्राउंड) बनाए जाएंगे. इस परियोजना पर 966 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है. यह कदम न केवल युवाओं को खेलों की ओर आकर्षित करेगा, बल्कि नशे के खिलाफ चल रही मुहिम को भी नई ताकत देगा. कैबिनेट मंत्री तरुणप्रीत सिंह सौंद ने खन्ना में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी जानकारी साझा की. 

खेलों से नशा मुक्त पंजाब का सपना साकार करना

पंजाब सरकार का यह प्रयास राज्य को खेलों में खोई हुई शान वापस दिलाने का है. मंत्री सौंद ने बताया कि इन मैदानों का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण युवाओं को स्वस्थ गतिविधियों से जोड़ना और जमीनी स्तर पर खेल संस्कृति को बढ़ावा देना है. मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी सरकार ने "खेड़ान वाटन पंजाब दीयां" पहल के तहत यह योजना शुरू की है, जो नशे के खिलाफ जंग को मजबूत बनाएगी. सौंद ने कहा, "पिछली सरकारों ने नशे का जाल गांव-गांव फैला दिया था, लेकिन अब हम युवाओं को मैदान की ओर मोड़ रहे हैं." यह परियोजना राज्य के 13,000 गांवों में अत्याधुनिक सुविधाओं का विस्तार करेगी, जहां वॉलीबॉल, फुटबॉल, हॉकी और एथलेटिक्स जैसी सुविधाएं उपलब्ध होंगी. 

हर कोने तक पहुंचेगी योजना

परियोजना के तहत सभी 23 जिलों में मैदान बनाए जाएंगे. अमृतसर में 194, बरनाला में 94, बठिंडा में 186, फरीदकोट में 91, फतेहगढ़ साहिब में 93, फाजिल्का में 123, फिरोजपुर में 121, गुरदासपुर में 198, होशियारपुर में 202, जालंधर में 168, कपूरथला में 107, लुधियाना में 257, मलेरकोटला में अनुमानित संख्या शामिल है. खन्ना विधानसभा क्षेत्र में कुल 67 गांवों में से 30 में ये मैदान बनेंगे, जिनमें भादला ऊंचा, बूथगढ़, गोह, मलकपुर जैसे गांव प्रमुख हैं. फिरोजपुर जिले में 31 गांवों के लिए 8.10 करोड़ रुपये अलग से आवंटित किए गए हैं, जहां प्रति मैदान की लागत 12 लाख से 1 करोड़ रुपये तक होगी. जालंधर में 98 मॉडल मैदान 3.18 करोड़ रुपये से तैयार होंगे. यह वितरण सुनिश्चित करता है कि कोई गांव छूट न जाए.

बजट और सुविधाएं

कुल 966 करोड़ रुपये की इस परियोजना में खेल विभाग के सिविल वर्क्स पर 966 करोड़, मनरेगा के तहत ग्रासिंग, वॉकिंग ट्रैक और पौधारोपण पर 126 करोड़ तथा स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे गोल पोस्ट, नेट, झूले और बच्चों के प्ले एरिया पर 102 करोड़ खर्च होंगे. प्रत्येक मैदान में ओपन जिम, वॉलीबॉल कोर्ट, फुटबॉल पिच, एथलेटिक्स ट्रैक और स्थानीय खेलों के लिए अलग स्पेस होगा. सरकार खेल उपकरण भी मुहैया कराएगी, ताकि गरीब परिवारों के बच्चे भी लाभान्वित हों. कुल बजट 1,194 करोड़ रुपये का है, जो पंजाब के इतिहास की सबसे बड़ी खेल परियोजना है. 

छह महीनों में तैयार होंगे मैदान

मंत्री सौंद ने स्पष्ट किया कि अगले छह महीनों में सभी 3,117 मैदानों को तैयार करने का लक्ष्य है. शिलान्यास पहले ही हो चुका है, और बठिंडा के कलझरानी गांव से योजना की शुरुआत हुई. मनरेगा और अन्य योजनाओं के तहत कार्य तेजी से चल रहा है. जालंधर डीसी हिमांशु अग्रवाल ने बताया कि उनके जिले में ब्लॉक-वार कार्य प्रगति पर है. यह समयबद्ध कार्यान्वयन सुनिश्चित करेगा कि युवा जल्द ही इन सुविधाओं का उपयोग कर सकें.

प्रभाव और भविष्य की संभावनाएं

कदम पंजाब को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मजबूत बनाएगा. मुख्यमंत्री मान ने कहा, "भारत की चार राष्ट्रीय टीमों के कप्तान पंजाबी हैं, और ये मैदान नए चैंपियन पैदा करेंगे. " नशा माफिया पर बुलडोजर चलाने के साथ-साथ यह योजना युवाओं की ऊर्जा को सकारात्मक दिशा देगी. आने वाले समय में पंजाब "रंगला पंजाब" के रूप में चमकेगा, जहां खेल मैदान नशे की जगह लेंगे. विशेषज्ञों का मानना है कि इससे राज्य में खेल भागीदारी 50% बढ़ सकती है, और ओलंपिक जैसे आयोजनों में पंजाब का योगदान दोगुना हो जाएगा.

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