थकान, मानसिक तनाव और पीठ में जकड़न से हैं परेशान? तो रोजाना करें पार्श्व बालासन योगासन, जानें सही तरीका
आज के समय में मानसिक तनाव, कमर दर्द और थकान एक सामान्य समस्या बन चुकी है. ऐसे में लोगों के लिए रोजाना योग करना न केवल ज़रूरी है बल्कि तनावमुक्त रहने का एक महत्वपूर्ण साधन भी है. इन सभी समस्याओं को दूर करने के लिए पार्श्व बालासन सबसे बेहतर रहता है. इस आसन को कब कर सकते हैं? इस आसन को करने का सही तरीका क्या है? आईये विस्तार से जानते हैं…
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आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में तनाव और थकान आम समस्याएं बन गई हैं. ऐसे में योग एक ऐसा साधन है, जो न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है, बल्कि मानसिक शांति भी प्रदान करता है. इनमें से एक प्रभावी योगासन है 'पार्श्व बालासन', जिसे 'थ्रेड द नीडल' पोज के नाम से भी जाना जाता है. यह आसन रीढ़, कंधों और पीठ के ऊपरी हिस्से को आराम देता है, साथ ही कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है.
पार्श्व बालासन तनाव, चिंता और थकान को कम करने में मददगार है. यह तंत्रिका तंत्र को शांत करता है, पाचन तंत्र को मजबूत करता है और रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाता है. इसके नियमित अभ्यास से रक्त संचार बेहतर होता है और अनिद्रा की समस्या से राहत मिलती है. साथ ही शरीर में ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है. यह योगासन खासतौर पर उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो लंबे समय तक बैठकर काम करते हैं और कंधों या पीठ में जकड़न महसूस करते हैं.
किस तरह करें पार्श्व बालासन?
इस आसन को करने के लिए सबसे पहले जमीन पर घुटनों के बल बैठें. अपने नितंबों को एड़ियों पर टिकाएं. अब धीरे-धीरे शरीर को आगे की ओर झुकाएं और माथे को जमीन पर स्पर्श कराएं. दोनों हाथों को सामने की ओर फैलाएं या शरीर के साथ आराम से रखें. इस मुद्रा में गहरी और लंबी सांस लें. 30 सेकंड से 1 मिनट तक इस अवस्था में रहें, फिर धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में लौट आएं.
किन व्यक्तियों के लिए खतरनाक हो सकता है पार्श्व बालासन?
हालांकि यह आसन अधिकांश लोगों के लिए सुरक्षित है, लेकिन गर्भवती महिलाओं और घुटने या पीठ की गंभीर समस्या वाले लोगों को इसे करने से पहले योग विशेषज्ञ या चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए. इसे खाली पेट या भोजन के 2-3 घंटे बाद करना सबसे उत्तम माना जाता है.
पार्श्व बालासन के फायदे?
पार्श्व बालासन एक सरल और प्रभावी योगासन है, जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को संतुलित रखने में मदद करता है. इसे अपनी दिनचर्या में शामिल कर आप तनावमुक्त और ऊर्जावान जीवन जी सकते हैं. योग विशेषज्ञों की मानें तो नियमित अभ्यास से इसके लाभ और भी बढ़ जाते हैं.
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