श्रीकाकुलम के वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में मांगी हर मनोकामना होती है पूरी! जानें इस दिव्य मंदिर का इतिहास
श्रीकाकुलम का काशी बुग्गा वेंकटेश्वर मंदिर आस्था का दिव्य स्थल है, ये तीर्थ स्थल तिरुमाला का प्रतिरूप माना गया है. मान्यता है कि इसके पास वाली नागावली नदी में स्नान से पाप मिटते हैं और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. इस दिव्य मंदिर के बारे में विस्तार से जानिए…
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आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले में स्थित काशी बुग्गा वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर दक्षिण भारत के सबसे प्रसिद्ध और ऐतिहासिक मंदिरों में से एक माना जाता है. यह मंदिर भगवान वेंकटेश्वर को समर्पित है, जिन्हें भगवान विष्णु का अवतार कहा जाता है. यहां दूर-दूर से हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं. मान्यता है कि जो भक्त सच्चे मन से भगवान वेंकटेश्वर की पूजा करता है, उसके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का आगमन होता है.
काशी बुग्गा वेंकटेश्वर मंदिर की वास्तुकला है बेहद ही अद्भुत!
काशी बुग्गा वेंकटेश्वर मंदिर को तिरुमाला के प्रसिद्ध श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर (तिरुपति बालाजी) का प्रतिरूप माना जाता है. कहते हैं कि एक भक्त ने भगवान के प्रति अपनी भक्ति और श्रद्धा के प्रतीक के रूप में इस मंदिर का निर्माण तिरुमाला मंदिर की वास्तुकला और पूजा पद्धति से कराया था. मंदिर की भव्यता और इसकी नक्काशी देखकर लगता है मानो आप सच में तिरुमाला पहुंच गए हों.
काशी बुग्गा वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर से जुड़ी है भक्तों की आस्था!
काशी बुग्गा वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर सिर्फ एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि आस्था और भव्य वास्तुकला का संगम है. यहां आने वाला हर भक्त मंदिर की भव्यता और आध्यात्मिक माहौल में खो जाता है. मंदिर में प्रवेश करते ही भक्त अपने आपको ईश्वर से जुड़ा हुआ महसूस करते हैं.
नागावली नदी में स्नान करने से मिट जाते हैं पाप!
मंदिर की रौनक तब और बढ़ जाती है, जब यहां ब्रह्मोत्सव, वैकुंठ एकादशी और अन्य पर्व मनाए जाते हैं. इन खास मौकों पर यहां भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है. लोग सुबह-सुबह पास बहने वाली नागावली नदी में स्नान करते हैं और फिर भगवान वेंकटेश्वर के दर्शन करने जाते हैं. कहा जाता है कि इस नदी में स्नान कर पूजा करने से सारे पाप मिट जाते हैं और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा आती है.
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